Doctors Say Girl Marriage In 18 Years Is At Risk Of Anemia- Dr. Shivani Sachdev Gour

गाइनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर शीतल अग्रवाल का कहना है कि यह फिजिकल हेल्थ से कहीं ज्यादा सोशियो-इकॉनमी के लिहाज से फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने कहा कि 18 साल के बाद मेडिकली लड़कियां मां बनने के लिए फिट हो जाती हैं, लेकिन परिपक्वता में कहीं कहीं कमी रहती है।

 

 

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र पर विचार करने की बात कही। डॉक्टरों का कहना है कि 18 साल में लड़कियों की शादी होने से कई शारीरिक समस्याओं का खतरा रहता है।

गाइनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर शिवानी सचदेव का कहना है कि 18 साल की उम्र में शादी की वजह से टीनएज प्रेग्नेंसी एक बड़ी समस्या है। कई मामले में देखा गया है कि ऐसी लड़कियों में पेलविक बोन कंप्लीट नहीं बना होता है, इस वजह से मुश्किल होती है। इस उम्र में एनीमिया का बहुत बड़ा खतरा रहता है। ब्लीडिंग का खतरा रहता है और सबसे बड़ी दिक्कत ऐसी मां में आत्मविश्वास की भारी कमी होती है। वह अपने बच्चे को ठीक से पालने में सक्षम नहीं होतीं। वह आर्थिक तरीके से दूसरे पर निर्भर रहती हैं, जिससे वह अपने बच्चे के भी भविष्य के बारे में अच्छा सोच नहीं पाती हैं। अगर, लड़कियों की शादी के लिए 21 साल की उम्र तय कर दी जाती है तो यह बहुत ही अच्छा कदम होगा। खासकर ग्रामीण इलाके में आज भी टीनएज शादियां हो रही हैं और वहां पर इसी वजह से टीनएज प्रेग्नेंसी भी देखी जाती है। Read full article- https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/delhi/other-news/doctors-say-girl-marriage-in-18-years-is-at-risk-of-anemia/articleshow/77578723.cms

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