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Parents of Fertility powered by Merck #StepTowardsParenthood #FertilityHealthExpert #ZeeHindustan

Dr. Simi Sood (Consultant Reproductive Medicine and Director)
Neelkanth Fertility & Women Care Hospital, Udaipur

Dr. Rita Bakshi (Founder and Chairperson)
International Fertility Centre, Delhi

Dr. Shweta Mittal (Senior Consultant, Centre of IVF and Human Reproduction)
Sir Ganga Ram Hospital, Delhi

Dr. Shivani Sachdev Gour (Founder & Director)
SCI IVF Hospital, New Delhi

Date: 28th Aug'2021
Time: 12:30-13:00 PM (IST)

 

गर्भवती और दूध पिलाने वाली मांओं को वैक्सीन को लेकर हो रही उलझन पर बोले डॉक्टर - Doctors on Covid Vaccination

गर्भवती और दूध पिलाने वाली मांओं को वैक्सीन को लेकर हो रही कन्फ्यूजन पर बोले डॉक्टर्स, गर्भवती और नई मांएं, वैक्सीनेशन से ना घबराएं।

वैक्सीन आने के कुछ समय बाद ही सरकार द्वारा जानकारी दी गई थी कि नवजात बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाएं वैक्सीन लगवा सकती हैं। वहीं बीते महीने ही गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन लगवाने की इजाजत मिल चुकी है। लेकिन संबंधित वर्ग की ज्यादातर महिलाएं बिना वैक्सीनेशन गायनाकोलॉजिस्ट के पास पहुंच रही हैं।

कोरोना काल में सरकार जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की बात कह रही है, लेकिन डॉक्टर्स के पास जो लैक्टेटिंग मांएं पहुंच रही है वे वैक्सीन लगाने से गुरेज कर रही है। वहीं गर्भवती महिलाएं भी कन्फ्यूजन में है कि वैक्सन लगाएं या नहीं। जबकि सरकार अपनी तरफ से पहले ही साफ कर चुकी है कि बैंकन का दूध पिलाने वाली मां- और गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा तो क्यों वैक्सीन लगवाने से किनारा कर रही हैं में महिलाएं हमने एक्सपर्ट्स मे जाना।

 

डॉक्टर नहीं बुजुर्गों की सलाह पर कर रहीं यकीन

देश कोरोना की दूसरी शहर का प्रकोप देख चुका है। इसी बीच बात हो रही है कोरोना की तसरी लहर की। ऐसे में वैक्सीनेशन ही हमें संभावित तीसरी लहर के प्रकोप से बचा सकती है। वहीं नई माताओं का बैंकडेन लेना डॉक्टर्स के लिए चिंता की बात है। इस बारे में एससीआई इंटरनेशनल हॉस्पिटल में गायनाकोलॉजिस्ट और आइबीएफ स्पेशलिस्ट (डायरेक्टर) डॉ. शिवानी सचदेव गौड़ बताती हैं, 'बेहद खराब स्थिति है। हमारे पास जी केस सामने रहे हैं उनमें। ज्यादातर मामलों में तो लैक्टेटिंग महिला या गर्भवती महिला ने वैक्सीन लगाई ही नहीं है। यहां तक की उनमें तीसरी सहर तक को लेकर फिक्र नहीं।

 

चेकअप कराने के लिए रही हैं उनमें से 80 प्रतिशत महिलाओं ने तो वैक्सीन लगवाई ही नहीं हैं। उनमें से 1- महिलाओं का कहना होता है कि अफवाहों और शंकाओं के बीच उनके घर के बड़े-बुजुर्ग वैक्सीन लगवाने ही नहीं दे रहे हैं। नेयर आईवीएफ सेंटर में गायनाकोलॉजिस्ट अर्चना धवन बजाज बताती है, ऐसी भी महिलाएं हैं, जिनका पे। कहना है कि हम वैक्ससैन कुछ समय इंतजार करने के बाद लगवाएंगे से पहले दूसरों के अनुभव को देखकर निर्णय लेना चाहते हैं। वहीं जो थोड़ा अपम क्लास फैमिली से हैं तो उन महिलाओं को इस बात का इंतजार है कि या तो कोई विदेशी वैक्सीन मिल जाए या फिर हम उस कंडीशन में जाएं कि बाहर जाकर अपनी पसंद को वैक्सीन से सकें। जबकि भारतीय लोगों को समझने की जरूरत है कि जो वैक्सीन देश के लोगों पर टेस्ट की गई है, वह हर लिहाज से बेहतर है।

 

सोशल मीडिया से कंफ्यूज

वहीं सोशल मीडिया ने भी उन्हें बहकाने का काम किया है। बकौल डॉ. शिवानी सचदेव गौड़, 'हाल ही में मेरे पास एक केस आया, जिसमें गर्भवती महिला का कहना था कि हमने सोशल मीडिया पर विडियो देखा है कि डॉक्टर कह रहे है कि गर्भवती महिला को वैक्सीन नहीं लगवानी। जबकि ये वो विडियो हैं जो वैक्रोन की परमिशन देने से पहले जारी किए गए थे तो सोशल मोडिया की वजह से महिलाओं में कन्फ्यूजन भी बहुत है। वहीं गायनाकोलॉजिस्ट और आईवीएफ एक्कापट (मिलन फर्टिलिटी सेंटर) डॉ. अशिका लेखी बताती हैं, 'हमारे पास दिनभर कई कॉल आते हैं जहां महिलाएं पूछती है कि हम बच्चे को दूध पिला रहे हैं तो क्या वैक्सीन लगवा सकते हैं। यानी की उनको पता ही नहीं है कि वह वैक्सीन से सकती है।

 


गर्भवती और दूध पिलाने वाली मांओं को वैक्सीन को लेकर हो रही उलझन पर बोले डॉक्टर

गर्भवती और दूध पिलाने वाली मांओं को वैक्सीन को लेकर हो रही कन्फ्यूजन पर बोले डॉक्टर्स, गर्भवती और नई मांएं, वैक्सीनेशन से ना घबराएं।

वैक्सीन आने के कुछ समय बाद ही सरकार द्वारा जानकारी दी गई थी कि नवजात बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाएं वैक्सीन लगवा सकती हैं। वहीं बीते महीने ही गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन लगवाने की इजाजत मिल चुकी है। लेकिन संबंधित वर्ग की ज्यादातर महिलाएं बिना वैक्सीनेशन गायनाकोलॉजिस्ट के पास पहुंच रही हैं।

कोरोना काल में सरकार जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की बात कह रही है, लेकिन डॉक्टर्स के पास जो लैक्टेटिंग मांएं पहुंच रही है वे वैक्सीन लगाने से गुरेज कर रही है। वहीं गर्भवती महिलाएं भी कन्फ्यूजन में है कि वैक्सन लगाएं या नहीं। जबकि सरकार अपनी तरफ से पहले ही साफ कर चुकी है कि बैंकन का दूध पिलाने वाली मां- और गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा तो क्यों वैक्सीन लगवाने से किनारा कर रही हैं में महिलाएं हमने एक्सपर्ट्स मे जाना।

 

डॉक्टर नहीं बुजुर्गों की सलाह पर कर रहीं यकीन

देश कोरोना की दूसरी शहर का प्रकोप देख चुका है। इसी बीच बात हो रही है कोरोना की तसरी लहर की। ऐसे में वैक्सीनेशन ही हमें संभावित तीसरी लहर के प्रकोप से बचा सकती है। वहीं नई माताओं का बैंकडेन लेना डॉक्टर्स के लिए चिंता की बात है। इस बारे में एससीआई इंटरनेशनल हॉस्पिटल में गायनाकोलॉजिस्ट और आइबीएफ स्पेशलिस्ट (डायरेक्टर) डॉ. शिवानी सचदेव गौड़ बताती हैं, 'बेहद खराब स्थिति है। हमारे पास जी केस सामने रहे हैं उनमें। ज्यादातर मामलों में तो लैक्टेटिंग महिला या गर्भवती महिला ने वैक्सीन लगाई ही नहीं है। यहां तक की उनमें तीसरी सहर तक को लेकर फिक्र नहीं।

 

चेकअप कराने के लिए रही हैं उनमें से 80 प्रतिशत महिलाओं ने तो वैक्सीन लगवाई ही नहीं हैं। उनमें से 1- महिलाओं का कहना होता है कि अफवाहों और शंकाओं के बीच उनके घर के बड़े-बुजुर्ग वैक्सीन लगवाने ही नहीं दे रहे हैं। नेयर आईवीएफ सेंटर में गायनाकोलॉजिस्ट अर्चना धवन बजाज बताती है, ऐसी भी महिलाएं हैं, जिनका पे। कहना है कि हम वैक्ससैन कुछ समय इंतजार करने के बाद लगवाएंगे से पहले दूसरों के अनुभव को देखकर निर्णय लेना चाहते हैं। वहीं जो थोड़ा अपम क्लास फैमिली से हैं तो उन महिलाओं को इस बात का इंतजार है कि या तो कोई विदेशी वैक्सीन मिल जाए या फिर हम उस कंडीशन में जाएं कि बाहर जाकर अपनी पसंद को वैक्सीन से सकें। जबकि भारतीय लोगों को समझने की जरूरत है कि जो वैक्सीन देश के लोगों पर टेस्ट की गई है, वह हर लिहाज से बेहतर है।

 

सोशल मीडिया से कंफ्यूज

वहीं सोशल मीडिया ने भी उन्हें बहकाने का काम किया है। बकौल डॉ. शिवानी सचदेव गौड़, 'हाल ही में मेरे पास एक केस आया, जिसमें गर्भवती महिला का कहना था कि हमने सोशल मीडिया पर विडियो देखा है कि डॉक्टर कह रहे है कि गर्भवती महिला को वैक्सीन नहीं लगवानी। जबकि ये वो विडियो हैं जो वैक्रोन की परमिशन देने से पहले जारी किए गए थे तो सोशल मोडिया की वजह से महिलाओं में कन्फ्यूजन भी बहुत है। वहीं गायनाकोलॉजिस्ट और आईवीएफ एक्कापट (मिलन फर्टिलिटी सेंटर) डॉ. अशिका लेखी बताती हैं, 'हमारे पास दिनभर कई कॉल आते हैं जहां महिलाएं पूछती है कि हम बच्चे को दूध पिला रहे हैं तो क्या वैक्सीन लगवा सकते हैं। यानी की उनको पता ही नहीं है कि वह वैक्सीन से सकती है।

 



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