IVF: कैंसर के बाद भी पूरा हो सकता है पिता बनने का सपना



कैंसर जैसी बीमारी होने के बाद लोग जीने की उम्‍मीद ही छोड़ देते हैं, लेकिन आईवीएफ तकनीक ऐसे लोगों को बीमारी के बाद भी पिता बनने में मदद कर रहा है। हाल ही में बेटे की मौत के बाद पुणे की एक महिला ने अपने बेटे के डिपोजिट स्‍पर्म का यूज कर दादी बनने का सपना पूरा किया है, जो ऐसे लोगों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। दिल्‍ली में कैंसर की बीमारी की वजह से पुरूषों में स्‍पर्म डिपोजिट कराने का चलन तो बढ़ा है, लेकिन अभी यह केवल दो परसेंट ही है।

आईवीएफ एक्‍सपर्ट शिवानी सचदेव गौड़ ने बताया कि एक अमेरिकी परिवार बैंक में जमा स्‍पर्म के यूज के लिए दिल्‍ली आए थे। बेटे की मौत के बाद पैरंट्स और मृतक युवक की पत्‍नी चाहती थे कि सेरोगेसी की मदद से बच्‍चा मिल जाए। परिवार अमेरिका में रहता था। इसके लिए वो दिल्‍ली आए। उस समय देश में सेरोगेसी को लेकर इस तरह का प्रतिबंध नहीं था और न ही स्‍पर्म की शिफ्ट करने में दिक्‍कत होती थी। तब पहली बार डिपोजिट स्‍पर्म का यूज हुआ था। समय के साथ तकनीक के इस्‍तेमाल और इसके रिजल्‍ट में काफी सुधार हो रहा है।

मिलान आईवीएफ सेंटर की डॉक्‍टर आराधना कालरा ने कहा कि कुछ साल पहले यह संभव नहीं था कि किसी की मौत के बाद उसके स्‍पर्म से बच्‍चा पैदा हो जाए और वह जेनेटिकली उसका हो। लेकिन आज यह संभव है। लेकिन अभी इसका फायदा कुछ गिने-चुने लोग ही उठा पा रहे है।

इस बारे में आईवीएफ एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर अर्चना धवन बजाज ने कहा कि कैंसर जैसी बीमारी में स्‍पर्म तो जमा करा लेना चाहिए। क्‍योंकि जब मरीज की कीमोथेरेपी होती है तो उसका स्‍पर्म भी डैमेज हो जाता है, जिससे पिता बनने की क्षमता खत्‍म हो जाती है। डॉक्‍टर शिवानी ने कहा कि कुछ लोग कीमोथेरपी के बाद जब ठीक हो जाते हैं और प्रिग्‍नेंसी की प्‍लानिंग करते है, तब उन्‍हें पता चलता है कि स्‍पर्म खराब हो चुका है। डॉक्‍टर अर्चना ने कहा कि केवल दो पर्सेंट युवा या कपल्‍स ही अपनी बीमारी के दौरान स्‍पर्म जमा कराते हैं। यही स्थिति महिलाओं में एग डिपोजिट कराने को लेकर भी है।

कीमोथेरेपी से डैमेज
दिल्‍ली में कैंसर की वजह से पुरुषों में स्‍पर्म डिपोजिट कराने का चलन बढ़ा।
हाल ही में बेटे की मौत के बाद पुणे की एक महिला ने अपने बेटे के डिपोजिट स्‍पर्म का यूज कर दादी बनने का सपना पूरा किया है।

जब मरीज की कीमोथेरेपी होती है तो उसके स्‍पर्म भी डैमेज हो जाते हैं, जिससे पिता बनने की क्षमता खत्‍म हो जाती है।

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