जौनपुर आब्सटेट्रिक्स और गायनाकोलॉजी सोसाइटी
द्वारा आयोजित बाँझपन, सम्मेलन
के प्रबंधन में
सुपर एंटीऑक्सीडेंट्स और
सूझम पोषक तत्वों
की भूमिका पर
नगर के एक
होटल में सम्मेलन
आयोजित किया गया.
सम्मेलन में लगभग
28 स्त्री रोग विशेषज्ञो
ने भाग लिया!
इस अवसर पर
डॉक्टरों को सम्बोधित
करते हुए डॉ
शिवानी सचदेव गौर, दिल्ली
राज्य के महासचिव
आईएसएआर इंडियन सोसाइटी ऑफ़
असिस्टेड प्रजनन उध्दरण ने
बताया की "जर्नल
ऑफ़ न्यूट्रिशियन एंड
हेल्थ में प्रकाशित
एक अध्य्यन में
कहा गया है
की 84 प्रतिशत पुरुष
जिनमे बाँझपन होता
है उनमे विटामिन
डी या विटामिन
बी १२ या
खनिज की कमी
होती है जो
ऑक्सीडेटिव तनाव का
कारन बनती है
शरीर में ख़राब
शुक्राणुुओ की गिनती
और गतिशीलता बांझपन
का कारण होता
है! एक और
अध्ययन के द्वारा
बताया गया है
की इंटेक्सथिन के
साथ एंटीऑक्सीडेंट की
खपत जो पौधों
में मौजूद है,
जिसे खट्टे फल
में शैवाल विटामिन
सी कहा जाता
है; खनिज वीर्य
मनको के सुधार
के साथ जुड़े
होते है, साथ
ही डॉ शिवानी
गौर ने बताया
की गर्मी के
महीनो में अल्कोहल
और नशीली दवाओ
के उपयोग से
शुक्राणु के पैरामीटर
काम हो जाते
है!
ऐसी बीमारी कम करने
के लिए विभिन्न
प्रकार के मेडिसिन्स
भी बताया जिससे
की इस बीमारी
को रोका जा
सके और लोगो
को दवा के
माध्यम से उनकी
इस परेशानी को
दूर किया जा
सके इस अवसर
पर "जौनपुर आब्सटेट्रिक्स और
गायनाकोलोजी सोसाइटी की अध्य्क्ष
डॉ शकुंतला यादव
ने कहा की
पर्यावरण प्रदूषण विकिरण में
पुरुष बाँझपन की
बढ़ते प्रसार में
भी भूमिका निभानी
है, जैसा की
हम आज देख
रहे है! डॉ
एम्बर खान, सचिव
जौनपुर आब्सटेट्रिक्स और गायनाकोलोजी
सोसाइटी ने बताया
की" आमतौर पर यह
है महिला साथी
जो बांझपन के
लिए जिम्मेदार
है लेकिन हमे
यह भी ध्यान
रखना चाहिए की
बांझपन के मामलो
में से काम
से काम 50% पुरुष
करक भी शामिल
है!" सम्मेलन के दौरान
स्त्री रोग विशेषज्ञ
डॉक्टरों ने डॉ
शिवानी गौर से
और भी इस
रोग से सम्बंधित
पहलुओं पर जानकारी
प्राप्त किया, इस दौरान
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ
डॉ प्रियम्बदा सिंह,
डॉ अंजू कनौजिया,
डॉ शैली श्रीवास्तव,
डॉ मधु शारदा,
डॉ अशोक गुप्ता,
डॉ आर के
गुप्ता, नंबर खान
सहित तमाम महिला
चिकित्सक उपस्थित रही. source
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ReplyDeleteSurrogacy in delhi