महिलाओं में बढ़ रही अंडाणुओं के कम होने की समस्या


डाँ. नुपुर गर्ग से निःसन्तान दम्पत्तियों ने ली सलाह

प्रभात ब्योरो - बुलन्दशहर
जिनके बच्चे नही होते हैं, उनकी समाज परिवार में क्या स्थिति होती है वो वहीं बयान कर सकता है, जो इस पीड़ा से गुजरता हैं। यही कारण है कि लोग गुमराह होकर टोने टोटके फर्जी बाबाओं तांत्रिको के चक्कर में पड़कर अपना जीवन तक बर्बाद कर देते हैं। कई बार अपनी कीमती सम्पत्तियों से भी हाथ धो बैठते हैं। ऐसी निसंतान दंपत्तियों को वैज्ञानिक तरीके से उनकी परेशानी का समाधान लेकर बुलन्दशहर में डाँ नुपुर गर्ग आई, जिनसे जानकारी लेने वालों में काफी उत्साह देखा गया। वह एक स्थानीय होटल में एक शिविर में हिस्सा लेने आयीं थीं, जिसमें वह निशुल्क परामर्श दे रही थीं।

एससीआई आइवीएफ सेन्टर द्वारा बुलन्दशहर में  आयोजित शिविर में निसंतान दंपत्तियों की निशुल्क जांच की गई कैम्प में 45 निसंतान दंपत्तियों की जांच फ्री में की गई। कैम्प में दस पुरुषों में शुक्राणु की कमी पाई गई। इस अवसर पर डाँ नुपुर गर्ग ने बताया कि वर्तमान में पचास फीसदी पुरुष ऐसे हैं , जिनके शुक्राणु या तो बहुत कम हैं या हैं ही नहीं। सम्पूर्ण विश्व में यह चिंता का विषय है।

इस शिविर में जिन लोगों की जांच की गई उनमें पचास फीसदी में शुक्राणुओंं और अण्डाणुओं की कमी पाई गईं 20 फीसदी पुरुष ऐसे थे जिनमें शुक्राणु थे ही नहीं। ऐसे लोगों में बच्चा पैदा करने की क्षमता नगण्य होती है डाँ नुपुर गर्ग ने बताया कि यह समस्या केवल बुलन्दशहर में ही नहीं वरना पूरे विश्व की है

शुक्राणुओं अण्डाणुओं की लगातार घटती हुई संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। पहले जि पुरुषों के स्पर्म में दो करोड़ शुक्राणु होते थे, उनकों स्वस्थ्य कहा जाता था। अब यह संख्या डेढ़ करोड़ कर दी गई है। डाँ नुपुर गर्ग ने बताया कि एससीआई, आइवीएफ  नोएडा आठ वर्षों से विश्व के पचपन देशों में पाँच हजार से अधिक बच्चे आइवीएफ तकनीकी द्वारा जन्म दिला चुका है। अब यह तकनीक सस्ती और सुलभ हो गई हैं।


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