Expert Opinion Regarding Vaccination in Children

बच्चों में वैक्सीनेशन को लेकर क्या है एक्सपर्ट की राय...!

कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई गई है. एक्सपर्ट का कहना है कि इसका सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ेगा. देश में अभी बच्चों को लेकर वैक्सीनेशन की शुरुआत नहीं की गई है. ऐसे में आइये जानते हैं,,, क्या कहना है एक्सपर्ट का...


 

नई दिल्लीः देश में तीसरे चरण के अंतर्गत 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है. ऐसे में कई एक्सपर्ट कोरोनाके खतरे को देखते हुए 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन की भी सलाह दे रहे हैं. कई एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि आने वाले दिनों में तीसरी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है, जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिल सकता है.

 

'बच्चों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए किए जाएं सभी प्रयास'

Gynecologist डॉ. शिवानी सचदेवा का कहना है कि वैसे तो दूसरी लहर में भी बच्चे संक्रमण से प्रभावित हुए हैं. इसके बावजूद आवश्यकता इस बात की है कि यदि बच्चों में संक्रमण फैलता है, तो उसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं, जिस प्रकार से अन्य राज्यों और कई देशों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया गया है.

 

मुंबई में बच्चों के लिए 700 बेड वाला एक अस्पताल भी बनाया गया है. वहीं, कई देशों में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण भी शुरू हो गया है, लेकिन हमारे देश में अभी बच्चों के लिए वैक्सीनेशन को लेकर कुछ भी कह पाना संभव नहीं है, क्योंकि अगर बात पूरी आबादी की करें, तो 2 फ़ीसदी तक लोगों को भी अभी वैक्सीन नहीं लगी है.

 

अन्य देशों में शुरू हो गया है बच्चों का वैक्सीनेशन

डॉ. शिवानी ने बताया यूके, अमेरिका जैसे देशों में 12 साल से कम उम्र के बच्चों में भी वैक्सीनेशन को लेकर ट्रायल किए जा रहे हैं. वहीं, हमारे देश में कोवैक्सीन ट्रायल के लिए कहा गया है. भारत बायोटेक की ओर से वैक्सीन का ट्रायल 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर किया गया है, जिसमें फेस-2 और फेस-3 ट्रायल के लिए 81% एफिकेसी बताई गई है.


 

बच्चों में किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत ले डॉक्टर की सलाह

चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर आशु खजूरिया ने बताया कि इस समय माता-पिता या बड़े लोगों को यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि वह बच्चों में किसी भी तरीके के लक्षण यदि देखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. यदि किसी बच्चे में 100 से ज्यादा बुखार लगातार बना हुआ है. पेट दर्द, खांसी, जुखाम या कोई भी ऐसे लक्षण हैं, जो उसे परेशान कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.

 

डॉक्टर आशु ने बताया, क्योंकि छोटे बच्चे अधिकतर परेशानियां नहीं बता पाते हैं, ऐसे में माता-पिता को ही बच्चों का ध्यान रखना होता है. यह जरूर देखें कि किसी भी तरीके से बच्चे को बुखार या उसका ऑक्सीजन लेवल कम ना हो. अगर 94 से कम सेचुरेशन होता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. घर पर सेल्फ मेडिकेशन के लिए केवल पेरासिटामोल दे सकते हैं. इसके अलावा कोई भी self-medication ना करें.

 

सभी लोग जरूर लगवाएं वैक्सीन, जिससे घर पर आपके बच्चे को सुरक्षित

डॉक्टर आशु ने बताया कि बच्चों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी बड़ों की और माता-पिता की है. कोरोना से बचाव के लिए, जो जरूरी नियम है, उनका पालन करें. अगर किसी भी तरीके से तबीयत खराब हो रही है, तो घर पर भी मास्क का इस्तेमाल करें. हाथों को बार-बार धोएं. घर में साफ-सफाई रखें. बच्चों को भी कोरोना वायरस के लिए जो जरूरी नियम हैं. उनका पालन करना सिखाएं.

 

उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए वैक्सीनेशन को लेकर ट्रायल किए जा रहे हैं. जब तक, यह ट्रायल पूरे नहीं होते हैं. तब तक बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हो पाना काफी मुश्किल है, इसीलिए अभी जिस प्रकार से 3 चरणों में वैक्सीनेशन किया जा रहा है. सभी बुजुर्गों, वरिष्ठ और युवाओं को वैक्सीनेशन दिया जा रहा है. वह वैक्सीन जरूर लगवाएं, जिससे कि घर पर अपने बच्चों को सुरक्षित रख सके.

 

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