Vaccination should be start for pregnant womans - गर्भवती महिलाओं का भी वैक्सीनेशन जल्द शुरू होना चाहिए: एक्सपर्ट
नई दिल्ली :
18 साल से ऊपर के सभी लोगों का वैक्सीनेशन अब देश में हो रहा है। सिर्फ
गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन नहीं दी जा रही है। सरकार का तर्क रहा है कि
देश में जो दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है, उन दोनों का प्रेग्नेंट
महिलाओं में ट्रायल नहीं हुआ है। हालांकि, अब सरकार ने गाइडलाइंस तैयार कर
ली है। जल्द ही गर्भवती महिलाओं को टीका लगने लगेगा। डॉक्टरों का कहना है
कि यह दोनों वैक्सीन भी डेड वायरस पर बनी हैं। एन्फ्लूएंजा, टेटनस जैसी कई
वैक्सीन गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। जब यह वैक्सीन सेफ हैं, तो कोविड
वैक्सीन भी सेफ होनी चाहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि इस बारे में सरकार का
रवैया सुस्त है। ट्रायल के नाम पर कब तक गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन से दूर
रखा जाएगा, जबकि कोविड होने पर मां और बच्चे दोनों की जान जाने का खतरा
रहता है। इसलिए बेहतर है कि इनका वैक्सीनेशन शुरू किया जाए। सीड्स ऑफ
इनोसेंस की डायरेक्टर और को-फाउंडर डॉ. गौरी अग्रवाल का कहना है कि भारत ने
स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है। इसलिए अब
समय आ गया है कि गर्भवती महिलाओं का भी वैक्सीनेशन शुरू किया जाए। कोविड की
दूसरी लहर में गर्भवती महिलाएं मिसकैरेज जैसे गंभीर कॉम्प्लिकेशन से होकर
गुजरी हैं। इसी को देखते हुए सीड्स ऑफ इनोसेंस ने सरकार से पूरे देश में
पंजीकृत फर्टिलिटी सेंटर में गर्भवती माताओं के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम
शुरू करने का सुझाव दिया है। एससीआई आईवीएफ की डायरेक्टर डॉक्टर शिवानी सचदवे गौड़
ने कहा कि नैशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन ने अपने
प्रस्ताव में गर्भवती महिलाओं में वैक्सीनेशन शुरू करेन की बात कही है। अभी
तक इस प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं हुआ है। हमारी मांग है कि गर्भवती महिलाओं
को भी वैक्सीन दी जाए। ऐसी सूचना है कि भारत में दी जा रही एक वैक्सीन के
ट्रायल के दौरान कुछ ऐसी महिलाओं को वैक्सीन दी गई, जिन्हें उस समय पता
नहीं था कि वह गर्भवती हैं। बाद में जब इसका आकलन किया गया, तो उनमें कोई
साइड इफेक्ट्स नहीं मिले। अभी तक मॉडर्ना या फाइजर भारत में आए नहीं हैं।
ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में जिन्हें कोविड का खतरा ज्यादा है, उसके बारे
में सरकार को सोचना होगा। अपोलो क्राइडल रॉयल की गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर
शीतल अग्रवाल ने कहा कि हमारी मांग है कि जल्द से जल्द गर्भवती महिलाओं का
वैक्सीनेशन शुरू किया जाए। ट्रायल नहीं हुआ है यह कह कर कब तक टालते
रहेंगे। अगर मंशा सही है तो कम से कम ट्रायल तो शुरू करें, जब ट्रायल नहीं
हो रहा है तो इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को बिना वैक्सीनेशन इस महामारी
में कैसे छोड़ सकते हैं? आईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर अर्चना धवन बजाज ने कहा कि
कुछ देशों में गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
गायोनोकोलॉजिकल बॉडी का मानना है कि गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन होना
चाहिए। कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों डेड वायरस पर बनी हैं। इस तकनीक पर
देश में कई वैक्सीन का इस्तेमाल इन गर्भवती महिलाओं पर हो रहा है। SOURCE
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
From Brazil, Happy 11th Birthday to Our Adorable IVF Babies!
Time flies! It feels like just yesterday these little miracles were born, and today, they’re celebrating their 11th birthday! 🥳💖 A heartfe...

-
IVF is one of the most suitable treatments for infertility. Though IVF was first introduced to treat tubal issues but today it is the p...
-
I’m a 40-year-old suffering from diabetes and high blood pressure. I’m told that I snore loudly while sleeping. My current weight is 1...
No comments:
Post a Comment